Maharajganj

Maharajganj : देव दीप साहित्य संगम की गोष्ठी में गूंजा काव्य का स्वर, भावनाओं की बही निर्मल धारा

 

माँ सरस्वती की वंदना से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ, कवियों ने बाँधा समाँ

गीत, भजन, हास्य-व्यंग्य और मुक्तकों से सराबोर रहा आयोजन

प्रत्येक माह आयोजित होगी काव्य गोष्ठी, साझा संग्रह के रूप में प्रकाशित होंगी रचनाएँ

महराजगंज टाइम्स ब्यूरो : साहित्य और कविता की लौ जलाते हुए देव दीप साहित्य संगम ने अपनी प्रथम मासिक काव्य गोष्ठी का शानदार आगाज़ रविवार को श्री विश्वकर्मा सेवा संस्थान, बशारतपुर से किया। इस साहित्यिक मिलन समारोह में कविता, गीत, भजन, हास्य और व्यंग्य के रंगों से सजी शाम ने श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। गोष्ठी की अध्यक्षता मुंबई से पधारीं वरिष्ठ कवयित्री अनुरीता थाडे ने की और मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व बीएसए ओम नारायण विश्वकर्मा मौजूद रहे। संचालन का दायित्व भोजपुरी के चर्चित कवि अरविंद अकेला ने निभाया। कार्यक्रम की शुरुआत कवयित्री बिंदु चौहान की सरस्वती वंदना से हुई, जिसके बाद एक से बढ़कर एक कवियों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावनाओं के विविध रंगों में सराबोर कर दिया। गोपाल दुबे, वंदना सूर्यवंशी, दुर्गादत्त मिश्र, राजेश मृदुल, राजकुमार गाजीपुरी सहित कई कवियों ने हास्य, प्रेम और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। गोरखपुर के वरिष्ठ कवि नंदलाल मणि त्रिपाठी 'पिताम्बर', संस्था अध्यक्ष दिनेश गोरखपुरी, सचिव अरविंद अकेला, कोषाध्यक्ष ई. दानिश विश्वकर्मा और मीडिया प्रभारी दयानंद त्रिपाठी ‘व्याकुल’ ने अपने काव्य पाठ से गोष्ठी को ऊँचाइयों तक पहुँचाया। समापन के अवसर पर यह घोषणा की गई कि गोष्ठी में पढ़ी गई रचनाएँ एक साझा काव्य संग्रह के रूप में प्रकाशित की जाएँगी, जिससे नवोदित रचनाकारों को पहचान मिलेगी। साथ ही, प्रत्येक माह एक नई काव्य गोष्ठी आयोजित करने की योजना भी साझा की गई। कार्यक्रम में सूरज राम आदित्य, विवेकानंद, आचार्य कृष्ण शर्मा, अभय श्रीवास्तव, अवधेश नंद, रविन्द्र मोहन त्रिपाठी सहित अनेक रचनाकार और साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे। गोष्ठी का समापन तालियों की गूंज और कविता के उजास से हुआ, जो आने वाले समय में साहित्यिक चेतना का स्थायी केंद्र बन सकता है।

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